आईपीएस(IPS)नवनीत सिकेरा की सफलता की कहानी
“मंजिलें इंसान के हौसले आजमाती हैं, सपनों के पर्दे आंखो से हटाती है।
किसी बात से हिम्मत न हार मेरे दोस्त, ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती है।”
ये कहानी एक ऐसे लड़के की है, जिसे अंग्रेजी ना आने के कारण कॉलेज में एडमिशन नहीं दिया गया और आगे चलकरउसने कनाडा में अंग्रेजों की यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी सिखाई। ये कहानी ऐसे आईपीएस ऑफिसर की है,जिन्हें सुपरकॉप, सुपर हीरो, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आदि नामों से जाना जाता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जो आईपीएस बनना चाहता है और इनके जैसा नहीं बनना चाहता। इनकी कहानी किसी फिल्मी हीरो से कम नहीं है।
1.जीवन परिचय-
नवनीत सिकेरा 1996 के उत्तर प्रदेश कैडर की आईपीएस(IPS) अधिकारी हैं। इनका जन्म 22 अक्तूबर, 1971 शिकोहाबाद इटावा उत्तर प्रदेश में हुआ। इनका मूल नाम नवनीत यादव है। इनके पिताजी का नाम- स्वर्गीय श्री मनोहर लाल यादव, पत्नी- पूजा ठाकुर सिकेरा, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता और मोटिवेशनल स्पीकर है। नवनीत सिकेरा के दो बच्चे ए जिनमें एक लड़का जिसका नाम दिव्यांश सिकेरा और एक लड़की आर्या सिकेरा है।

नवनीत सिकेरा यात्रा करना, किताब पढ़ना, क्रिकेट खेलना आदि में रुचि रखते हैं।
2.शिक्षा-
नवनीत सिकेरा की प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव के ही हिंदी मीडियम स्कूल में हुई। इंटर में अच्छे मार्क्स आने के कारण उन्होंने बीएससी करने का निर्णय लिया। जब वे दिल्ली की हंसराज कॉलेज में ऐडमिशन लेने के लिए गए तो उन्हें एडमिशन नहीं दिया गया क्योंकि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी। उस कॉलेज के बाबू ने उन्हें एडमिशन फॉर्म देने से मना कर दिया और लताड़ते हुए यह कहा कि यह ₹5 लो और वापस चले जाओ। उस दिन नवनीत सिकेरा ने यह निर्णय लिया वह देश के सबसे बड़ी कॉलेजों से अपनी पढ़ाई करेगा।
इसके बाद नवनीत सिकेरा ने अपनी पढ़ाई को जारी रखते हुए लोगों से फोटोकॉपी कराके पढ़ाई को जारी रखा। नवनीत सिकेरा उसके पिताजी एक गरीब किसान थे जो नवनीत की पढ़ाई का खर्च ठीक से नहीं उठा पाते।
इसके बाद नवनीत सिकेरा ने खूब मेहनत की ओर आईआईटी रुड़की में एडमिशन लिया तथा वहाँ से 1989 से 1993 के मध्य B.E (computer science) में इंजीनियर की डिग्री हासिल की। इसके बाद नवनीत सिकेरा ने इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस(ISB) हैदराबाद से एम बी ए(MBA),बीटेकबीटेक(CSE),तथा एम बी ए(वित रणनीति और नेतृत्व)की डिग्री हासिल की।
3.आईपीएस बनने की प्रेरणा कैसे मिली-
नवनीत सिकेरा का जीवन बैसे तो काफी संघर्ष भरा है, लेकिन उनके जीवन की दो ऐसी घटनाएँ जिन्होंने उन्हें आइपीएस बनाने के लिए प्रेरित किया।
पहली घटना जब वो अपने स्कूल में पढ़ते थे तब उनके टीचर नहीं लूना लेकर आये थे जब नवनीत उस लूणा के पास जाकर उसे पास से देखने लगा तो टीचर को लगा के कुछ गडबड कर रहा है और उस दिन उसकी बहुत पिटाई हुई। उस दिन नवनीत ने कहा कि मारिए मत सर 1 दिन में भी बड़ा होकर लूना लूंगा

दूसरी घटना जब उनके जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया तो उनके पिताजी पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखवाने गए तो वहाँ के थाना प्रभारी ने उनकी रिपोर्ट को दर्ज करने की बजाय उनके पिता जी को बुरा भला कहा।जब नवनीत के पिता जी ने कहा साहब मेरा भी बेटा इंजीनियर है तब थानाप्रभारी ने कहा कि बहुत देखे है ऐसे इंजीनियर। तब नवनीत ने यह ठान लिया लिया कि मैं 1 दिन पुलिस अधिकारी बनकर सिस्टम में फैली बुराइयों को दूर करूँगा।इसके बाद नवनीत ने 1996 में यूपीएससी(UPSC) की परीक्षा देकर पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की ।
4. नवनीत सिकेरा का करियर-
नवनीत सिकेरा 1996 में यूपीएससी की परीक्षा को पास कर पहली बार उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) के रूप में नियुक्त किया गया। नवनीत सिकेरा 32 साल की उम्र में यूपी की सबसे युवा सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में नियुक्त किए गए।

इसके बाद नवीन सिकेरा ने अच्छा कार्य किया और 2001 में पदोन्नत कर उन्हें एस पी(SP) के रूप में नियुक्त किया गया।
इसके बाद नवनीत सिकेरा को 2012 में उप पुलिस महानिरीक्षक((DIG)और 2014 में पुलिस महानरीक्षक तथा बाद में महिला पावर लाइन यूपी का महानिरीक्षक नियुक्त किया गया।
नवनीत सिकेरा ने बोमन एम्पावरमेंट को बढ़ाने के लिए बोमन पावर लाइन 1090 का आविष्कार किया जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने 2012 में लागू किया।
इसके बाद नवनीत सिकेरा अपने करियर के एक से बढ़कर एक बुलंदियों को छूते गए और अनेक पुरस्कारो से सम्मानित किए गए जो निम्न हैं-
- वुमन पावर लाइन 1090 कि आविष्कार के लिए मुख्यमंत्री पुरस्कार 2012
- विशिष्ट सेवा राष्ट्रपति पुलिस पदक 2005
- मेघावी सेवा राष्ट्रपति पुलिस पदक 2013
- महानिदेशक का कमीशन डिस्क सिल्वर 2015
- महानिदेशक का कमिशन डिस्क गोल्ड 2018

इसके अलावा नवनीत सिकेरा आपके करियर पर आधारित एक वेब सीरीज भी बन चुकी है जो 6 मार्च 2020 में जिसका पहला सीज़न रिलीज हुआ था जिससे भौकाल के नाम से जाना जाता है।

नवनीत सिकेरा मुजफ्फरनगर में नियुक्त हुए तो उस समय मुजफ्फरनगर को अपराध की राजधानी के नाम से जाना जाता था। यहां पर लोग आने से डरते थे और अपहरण संगठित अपराध, हत्या, चोरी, डकैती इत्यादि का गढ़ बना हुआ था। इस क्षेत्र में रमेश कालिया जैसे अपराधियों का खौफ था। नवनीत सिकेरा ने यह प्रण लिया कि वह इस क्षेत्र को अपराध मुक्त करा देगा । इसके बाद उन्होंने एक-एक कर अपराधियों के एनकाउंटर किए तथा 60 से ज्यादा एनकाउंटर किए जा चुके हैं। इस प्रकार उन्होंने उस क्षेत्र को एक शांत क्षेत्र में परिवर्तित कर दिया और रमेश कालिया जैसे अपराधी के डर को समाप्त कर दिया।
5.भौकाल-
भौकाल वेब सीरीज के निदेशक जितिन वांगले और लेखक जय बंसल हैं। वेब सीरीज में आईपीएस नवनीत सिकेरा का किरदार मोहित रैना ने निभाया है जो एक अभिनेता है। इस वेब सीरीज की शूटिंग लखनऊ बाराबंकी और आसपास के क्षेत्रों में हुई है।जिसमें बाराबंकी को मेरठ और मुजफ्फरनगर के रूप में फिल्माया गया है।

इस वेब सीरीज में या दिखाया गया है कि कैसे नवनीत सिकेरा ने उस शहर व क्षेत्र को अपराध मुक्त किया।
इस वेब सीरीज में नवनीत सिकेरा के द्वारा किए गए एनकाउंटर ओं को दिखाया गया है जिसमें इन्होंने 60 से ज्यादा एनकाउंटर किए और अपराधियों में पुलिस के डर को बिठाया और जनता में पुलिस के विश्वास को जगाया । यह वेब सीरीज पुलिस की बदलती छवि को दिखाती है तथा अपराधियों में पुलिस का डर हावी होता हुआ दिखाई देता है।

नवनीत सिकेरा कहते हैं कि नाम की कोई चीज नहीं होती अगर जोश है आपके अंदर काम करने का तो टैलेंट चल कर आपके पास आएगा और आपको दुनिया की कोई ताकत आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती ।
दोस्तों आशा करता हूं इस कहानी से आपको जरूर कुछ ना कुछ सीखने को मिला होगा। अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें|
FAQ
- नवनीत सिकेरा कौन है ?
Ans. नवनीत सिकेरा 1996 के उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
2.नवनीत सिकेरा के गांव का नाम क्या है ?
Ans. नवनीत सिकेरा के गांव का नाम शिकोहाबाद है ।
3.नवनीत सिकेरा की पत्नी का क्या नाम है ?
Ans. डॉक्टर पूजा ठाकुर सिकेरा
4.नवनीत सिकेरा के पिताजी का क्या नाम है ?
Ans.स्वर्गीय श्री मनोहर लाल यादव
5.नवनीत सिकेरा की जाति क्या है?
Ans.अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC)
Very nice 👍