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कृष्ण वाणी भाग – 4 ,अमृत वचन,Krishna Vani,Success Mantra।

जिसने साथ दिया उसका साथ दो लेकिन जिसने तुम्हें त्याग दिया उसे तुम भी त्याग दो।

अपने ही होते हैं जो दिल पर वार करते हैं, गैरों को क्या खबर कि दिल किस बात पर दुखता है?

किसी को माफ करना अवश्य ही सरल हो सकता है लेकिन दोबारा उसी व्यक्ति पर भरोसा करना बहुत मुश्किल होता है।

कोई इंसान चाहे कितना भी बड़ा डॉक्टर, खिलाड़ी अथवा व्यापारी हो लेकिन उसकी चरित्र में इंसानियत नहीं तो वो दो कौड़ी का इंसान भी नहीं है।

जब आप प्रभु के साथ जुड़ जाओगे तो आपकी परीक्षा आरंभ हो जाएगी, कुछ लोग इसे दुख समझते हैं तो कुछ लोग प्रभु की कृपा।

श्री कृष्ण कहते हैं इंसान को उसके कर्म नहीं कर्म के पीछे की इच्छाएं बांधे रखती हैं क्योंकि इच्छाओं के कारण ही कर्म निर्मित होते हैं।

अगर कोई साफ दिल से आपके साथ जुड़ा हुआ हो तो उसे ये शर्मिंदगी मत कराओ कि उसने गलती कर दी।

मान और सम्मान पैसों से नहीं संस्कारों से मिलता है।

गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला इंसान कभी वफादार नहीं होता इसलिए जो इंसान अपनी बात से ही मुकर जाए उस पर कभी भरोसा मत करना।

अकेलापन कोई कष्ट नहीं बल्कि बिना रुकावट एक ही दिशा में बढ़ते रहने का एक अवसर है।

जो इंसान सबका होने का दिखावा करता है यकीन मानना वो किसी का नहीं हो सकता।

ये जरूरी नहीं कि बीमार होने की वजह बीमारी ही हो कुछ लोग तो दूसरों की खुशियां देखकर भी बीमार हो जाते हैं।

मैंने आवाज देकर भी देखा है लेकिन बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आया।

मान-अपमान, लाभ-हानि, सुख  या दुख, यह सब मन की शरारत है।

श्री कृष्ण कहते हैं प्रेम सदा माफी मांगना पसंद करता है और अहंकार माफी सुनना पसंद करता है।

सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा मत बनो क्योंकि मैं आपको बाहर से नहीं भीतर से भी जानता हूं।

परायो को अपना बनाना उतना मुश्किल नहीं जितना अपनों को अपना बनाए रखना होता है।

आपके अपमान के बारे में लोग हमेशा बात करेंगे क्योंकि  सम्मानित व्यक्तियों के लिए अपमान मृत्यु से भी बदतर है।

लोग कहते हैं अपनों के लिए झुक जाना चाहिए किंतु सच बात तो यह है जो अपने होते हैं वे कभी झुकने नहीं देते।

वह दिन मत दिखाना कान्हा कि हमें खुद पर गुरुर हो जाए, रखना अपने दिल में इस तरह कि जीवन सफल हो जाए।

श्री कृष्ण ने दुष्टो को अपनी गलती सुधारने का मौका दिया क्योंकि वे किसी मनुष्य को नहीं उसकी अंदर की बुराई को मारना चाहते हैं।

जो साथ रहकर भी साथ ना हो वो दूर ही रहे तो अच्छा है।

तुम्ही से सीखा है मैंने नजरअंदाज करना और जब मैंने नजरअंदाज किया तो तुम बुरा मान गए।

हर किसी ने अपने हिसाब से इस्तेमाल किया है मेरा और मैं समझ रहा कि लोग मुझे पसंद करते हैं।

इंसान की अच्छाई पर सब खामोश रहते हैं, जब चर्चा उसकी बुराई की हो तो गूंगे भी बोल पड़ते हैं।

इंसान का स्वभाव इस तरह का हो गया है कि जो लेकर जाना है उसे छोड़ी जा रहा है और जो यहीं रह जाना है उसे जोड़े जा रहा है।

गम ये नहीं कि वक्त ने साथ नहीं दिया, गम ये है कि जिस पर सबसे ज्यादा भरोसा था उसी ने वक्त पर साथ छोड़ दिया।

सब कुछ तोड़ देना लेकिन कभी किसी की उम्मीद और भरोसा मत तोड़ना क्योंकि इनमें इंसान की आवाज नहीं निकलती पर तकलीफ हद से ज्यादा होती है।

वक्त सबको मिलता है जिंदगी बदलने के लिए लेकिन जिंदगी दोबारा नहीं मिलती वक्त बदलने के लिए।

वक्त और अपने जब दोनों एक साथ चोट पहुंचाते हैं तो इंसान बाहर से नहीं बल्कि अंदर से भी टूट जाता है।

आप जितना ज्यादा लोगों के बारे में जानोगे उतना ही आपको अकेलापन अच्छा लगने लगेगा।

जिंदगी को खुली किताब ना बनाओ क्योंकि लोगों को पढ़ने में नहीं बल्कि पन्ने फाड़ने में मजा आता है।

रिश्तो को वक्त देना सीखो प्यार भी रहेगा और साथ ही रहेगा।

अकेला वह नहीं जो दिख रहा है अकेला वह है जो किसी के साथ रहकर भी अकेलापन महसूस कर रहा है।

हाथ उसका पकड़ो जो सुख और दुख दोनों में ही आपका साथ ना छोड़े।

हौसला रखो जितना दुख आप सह रहे हो आने वाले समय में आपका जीवन उससे लाख गुना बेहतर होने वाला है।

तारीफ करने वाले बेसक आपको पहचानते होंगे लेकिन फिक्र करने वालों को आपको ही पहचाना पड़ेगा।

जिंदगी में दुख-सुख के उतार-चढ़ाव के बावजूद भी आपका साथ ना छोड़े, उस व्यक्ति की आप हमेशा कद्र करना।

आखिर में उसने मुझे सिखा ही दिया कि किसी को हद से ज्यादा चाहना भी बुरी बात होती है।

जब वक्त साथ देता है तो व्यक्ति हर किसी को मात देता है।

किसी की सलाह से रास्ते जरूर मिलते हैं लेकिन मंजिल तो खुद की मेहनत से ही मिलती।

जब तक किसी अपने से धोखा ना मिले तब तक समझ नहीं आता कि जिंदगी क्या है?

हमारा हारना तब जरूरी हो जाता है जब लड़ाई अपनों से हो और जीतना तब जरूरी होता है जब लड़ाई अपने आप से हो।

इंसान इसलिए दुखी नहीं कि वह ईश्वर को नहीं मानता, इंसान इसलिए दुःखी है क्योंकि वह ईश्वर  की नहीं मानता।

समय आने पर सबको मिलता है समय से पहले की चाह ही दुख का कारण बनती है।

इंसान के बर्बाद होने की 6 कारण नींद, गुस्सा, डर, थकान, आलस्य और काम टालने की आदत है।

इस संसार में भाग्य से ज्यादा और समय से पहले ना किसी को मिला है और ना किसी को मिलेगा।

श्री कृष्ण कहते हैं धर्म के लिए लड़ना सीखो, अधर्म का काल बनना सीखो और अपनों के लिए त्याग करना सीखो।

तुम्हारे साथ चाहे कितना भी बुरा क्यों ना हो लेकिन यकीन रखना ईश्वर ने कुछ अच्छा ही सोचा होगा।

अपनी पीड़ा के लिए संसार को दोष मत देना, अपने मन को समझाओ तुम्हारे मन का परिवर्तन ही दुखों का कारण है।

परिवर्तन प्रकृति का नियम है इसलिए जो पीछे छूट गया उसका शोक मनाने की बजाय जो आपके पास है उसका आनंद लीजिए।

सत्य हमेशा पानी में तेल की बूंद के समान होता है, कितना भी असत्य का पानी डाले वह हमेशा ऊपर ही तैरता है।

अकेले चलने वाली घमंडी नहीं होते दरअसल वो हर काम में अकेले ही काफी होते हैं।

आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि आप स्वयं को हमेशा खुश रखे।

थोड़ा झुकने से अगर रिश्ता टूटने से बचता है तो झुकना ही बेहतर है।

जिन्हें गलत ही समझना होता है वह आपके मौन का भी गलत अर्थ निकालते हैं।

रुलाने वाले अक्सर वही होते हैं जो कहते हैं हंसते हुए बहुत अच्छे लगते हो।

दूसरों की गलतियों से भी सीखते रहो क्योंकि अपने अनुभवों से सीखने के लिए तुम्हारी आयु कम पड़ जाएगी।

पराजय तब नहीं होती जब आप गिर जाते हो पराजय तब होती है जब आप उठने से इंकार कर देते हो।

इतनी जल्दी कोई चीज नहीं बदलती जितनी जल्दी इंसान की नियत और नजर बदल जाती है।

कभी किसी के सामने अपनी सफाई पेश मत करना क्योंकि जिसे तुम पर विश्वास है उसे जरूरत नहीं और जिसे तुम पर विश्वास नहीं है वह मानेगा ही नहीं।

अपनी जिंदगी को इतनी भी सस्ती ना बनाओ कि दो कौड़ी के लोग खेल कर चले जाएं।

दोस्तों मैं आशा करता हूं, यह POST आपको अच्छी लगी होगी धन्यवाद!

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