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कृष्ण वाणी भाग – 8,अमृत वचन,Krishna Vani,Success Mantra

जीवन में आगे बढ़ना है तो बहरे हो जाओ क्योंकि अधिकतर लोगों की बातें मनोबल गिराने बाली होती हैं।

अब तो खुशी भी मिलती है तो डर सा लगता है कि पता नहीं इस खुशी की कौन सी कीमत चुकानी पड़ेगी।

किसी को हराने का शौक नहीं है हमें, बस खुद को आगे ले जाने की जिद है हमें।

कभी हार ना मानने की आदत ही एक दिन जीतने की आदत बन जाती है।

कौन कहता है कि तुम भगवान बन जाओ सब कुछ बदल जाएगा बस तुम इंसान बन जाओ

जीवन का कठिन दौर तब शुरू होता है जब आप खुद की तलाश कर रहे होते हैं।

अहंकार में डूबे इंसान को ना तो खुद की गलतियां दिखाई देती हैं और ना ही दूसरों की अच्छाइयां दिखाई देती हैं।

याद रखना अपमान का बदला लड़ाई लड़कर नहीं बल्कि सामने वाले व्यक्ति से ज्यादा सफल होकर लिया जाता है।

अगर तुम सच में कुछ करना चाहते हो तो रास्ता निकाल लोगे वरना ना करने का बहाना निकाल लोगे।

प्रेम सिर्फ अपने काम और ऊपरवाले से करो क्योंकि यह दोनों कभी धोखा नहीं देते।

वक्त को समझना समझदारी है और वक्त पर समझना जिम्मेदारी है।

भावनाओं में बहकर धोखेबाज लोगों पर भरोसा करने वाले मासूम लोग अक्सर बर्बाद हो जाते हैं

महत्त्व हमेशा खुद को ज्यादा देना क्योंकि अगर दूसरों को दोगे तो आप अपना आत्मसम्मान ही खो देंगे।

धोखे सबके याद हैं सिर्फ रिश्ते बनाए रखने हैं इसलिए चुप रहता हूं।

जिसकी गलतियों से भी मैंने रिश्ता निभाया है उसने बार-बार मुझे फालतू होने का एहसास दिलाया है।

यह सोचकर कि रिश्तो में दरार ना पड़ जाए हमने तेरी किसी बात का कभी बुरा नहीं माना।

सामने मीठी मीठी बातें करें और पीठ पीछे काम बिगाड़े ऐसे मित्र से दूर रहना चाहिए।

ऊंचाई पर वो हीं पहुंचते हैं जो प्रतिशोध की बजाय परिवर्तन की सोच रखते हैं।

श्री कृष्ण कहते हैं ठंड या गर्मी, सुख या दुख का अनुभव करें यह अनुभव क्षणभंगुर है वे आते हैं और जाते हैं उन्हें धैर्य पूर्वक सहन करें।

जब थक जाओ तो आराम कर लो लेकिन कभी हार मत मानो।

समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो।

मंजिल के लिए आधे रास्ते जाकर कभी वापस मत लौटना क्योंकि वापस उतना ही लौटना पड़ेगा जितना दूर आगे चलकर मंजिल मिलेगी।

उड़ने में बुराई नहीं है आप भी उड़े लेकिन उतना ही जहां से जमीन साफ दिखाई देती हो।

कर्म तेरे अच्छे हैं तो किस्मत तेरी दासी है नियत तेरी अच्छी है तो घर तेरा मथुरा और काशी है।

केवल आत्मविश्वास होना चाहिए जिंदगी तो कहीं से भी शुरू हो सकती है।

तुम्हारी जिंदगी में होने वाली हर चीज के लिए जिम्मेदार तुम हो इस बात को जितनी जल्दी मान लोगे जिंदगी उतनी ही बेहतर हो जाएगी।

जब दुनिया कहती है कि अब कुछ नहीं हो सकता वही समय होता है कुछ कर दिखाने का।

दुश्मन बनाने के लिए जरूरी नहीं कि लड़ा जाए आप थोड़े से कामयाब हो जाओ वे खैरात में मिलेंगे।

कांटों पर चलने वाला व्यक्ति मंजिल तक जल्दी पहुंच जाता है क्योंकि कांटे पैरों की रफ्तार बढ़ा देते हैं।

अक्सर अकेलेपन से वही गुजरता है जो जिंदगी में सही फैसलों को चुनता है।

कोई भी चीज अपने कमाए हुए पैसों से खरीदो शौक अपने आप कम हो जाएंगे।

अगर आप सूर्य की तरह चमकना चाहते हो तो पहले आपको सूर्य की तरह तपना होगा।

अगर जिंदगी में सुकून चाहते हो तो लोगों की बातों को दिल पर लगाना छोड़ दो।

कभी परिस्थितियों के हाथों की कठपुतली ना बने क्योंकि आप हालात बदलने का दम रखते हैं।

गलत लोग सभी के जीवन में आते हैं लेकिन सीख हमेशा सही देकर जाते हैं।

जो इस वक्त मुस्कुरा रहा है कभी उसे दर्द ने पाला होगा और जो इस वक्त चल रहा है उसके पैर में जरूर छाला होगा बिना मेहनत के कोई भी चमक नहीं सकता जो दिया जल रहा है उसी से ही तो उजाला होगा।

परिंदों को मंजिल मिलेगी यकीनन ये फैले हुए उनके पंख बोलते हैं वो लोग रहते हैं खामोश अक्सर जमाने में जिनके हुनर बोलते हैं।

जीवन में मेहनत करने से दिमाग साफ रहता है और सत्य बोलने से दिल साफ रहता है।

जीवन मिलना भाग्य की बात है मृत्यु होना समय की बात है पर मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में जीवित रहना ये कर्मों की बात है।

श्री कृष्ण कहते हैं सच्चाई और अच्छाई की तलाश में पूरी दुनिया घूम लो अगर वह तुम्हारे अंदर नहीं तो कहीं भी नहीं।

मैदान में हारा हुआ इंसान फिर से जीत सकता है लेकिन मन से हारा हुआ इंसान कभी नहीं जीत सकता ।

मुस्कान और मदद यह दो ऐसे इत्र हैं जिन्हें जितना अधिक आप दूसरों पर छिड़केंगे उतने ही सुगंधित आप स्वयं होंगे।

जीने का बस यही अंदाज रखो जो तुम्हें ना समझे उसे नजरअंदाज करो।

प्रार्थना और ध्यान इंसान के लिए बहुत जरूरी है प्रार्थना में भगवान आपकी बात सुनते हैं और ध्यान में आप भगवान की बात सुनते हैं।

जब दुनिया कहती है कि हार मान लो तो आशा धीरे से कान में कहती है एक बार फिर से प्रयास करो और यह ठीक भी है।

अपने बारे में कभी बुरा मत सोचो क्योंकि उसका ठेका तो दुनिया वालों ने ले रखा है ।

ऊंचा उठने के लिए पंखों की जरूरत केवल पक्षियों को ही पड़ती है मनुष्य तो जितना विनम्रता से झुकता है उतना ही ऊपर उठता है।

बस दिलों को जीतना ही मकसद रखना वरना दुनिया जीत कर भी सिकंदर खाली हाथ ही गया था।

छोटी सी जिंदगी है हर बात में खुश रहो जो चेहरा पास ना हो उसकी आवाज में खुश रहो कोई रूठा हो तुमसे उसके इस अंदाज में भी खुश रहो जो लौट कर नहीं आने वाले उन लम्हों की याद में खुश रहो। कल किसने देखा है अपने आज में खुश रहो खुशियों का इंतजार किस लिए दूसरों की मुस्कान में खुश रहो क्यों तड़पते हो हर पल किसी के साथ को कभी अपने आप में खुश रहो छोटी सी जिंदगी है हर हाल में खुश रहो।

नाराज ना होना कभी यह सोच कर कि काम मेरा और नाम किसी और का हो रहा है यहां सदियों से जलते तो घी और रुई हैं पर लोग कहते हैं दीया जल रहा है।

संघर्ष में आदमी अकेला होता है सफलता में दुनियां उसके साथ होती है जब जब जग किसी पर हंसा है तब तब उसी ने इतिहास रचा है।

श्री कृष्ण कहते हैं कि ऐसा सच जरूर बोलो जो कड़वा लगे लेकिन ऐसा झूठ कभी भी ना बोलो जो सच लगे।

अपने जीवन में कभी भी ना किसी को आनंद में वचन दे ना क्रोध में, ना ही दुख में कभी निर्णय लें।

गीता में लिखा है कि यदि आपको कोई अच्छा लगता है तो अच्छा वो नहीं अच्छे आप हैं क्योंकि सच्चाई देखने वाली नजर आपके पास है।

लोग अपने शरीर को सुंदर बनाने में लगे रहते हैं परंतु आत्मा की सुंदरता शरीर से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। शरीर तो नश्वर है, मिट्टी में मिल जाता है परंतु आत्मा अमर है इसलिए आत्मा की सुंदरता पर ध्यान दो।

बहुत दृढ़ता चाहिए रिश्तो को निभाने के लिए छल और कपट से तो केवल महाभारत ही रची जा सकती है।

ये पांच चीजें आज से ही छोड़ दीजिए दूसरों को खुश करना, दूसरों से उम्मीद करना, भूतकाल में जीना, अपने आपको किसी से कम आंकना और ज्यादा सोचना, तभी आप ज्यादा बेहतर जिंदगी जी पाएंगे।

आजकल किसी के गुणों से ज्यादा रूप, रंग और कपड़ों को देखा जाता है लेकिन याद रखना रूप, रंग और कपड़े एक दिन धोखा दे ही जाते हैं लेकिन जिसके पास गुण हैं वे जीवन भर साथ निभाते हैं।

जब हम धन कमाते हैं तो चीजें घर में आती हैं लेकिन जब किसी का आशीर्वाद कमाते हैं तो धन के साथ प्यार, सेहत और खुशी भी आती है।

धन से नहीं मन से अमीर बनिए क्योंकि मंदिरों में भले ही स्वर्ण कलश लगा होता है लेकिन नतमस्तक पत्थर की सीढ़ियां पर ही होना पड़ता है।

भरोसा जीता जाता है मांगा नहीं जाता ये वो दौलत है जिसे पाया जाता है कमाया नहीं जाता।

अगर कोई मनुष्य हमारे साथ बुरा कर रहा है तो उसे करने दो यह उसका कर्म है और समय उसके कर्म का फल उसे जरूर देगा लेकिन हमें कभी भी किसी के साथ बुरा नहीं करना चाहिए क्योंकि यही हमारा धर्म है।

अगर आप की समस्या जहाज की तरह बड़ी है तो भूलें नहीं कि प्रभु की कृपा सागर जितनी विशाल है।

भोजन की कीमत भूख के समय होती है और भगवान की कीमत दुख के समय होती है इसलिए अंधकार में छाया, बुढ़ापे में काया और अंतकाल में माया किसी का साथ नहीं देती।

श्री कृष्ण कहते हैं क्षमा दुनिया का बहुत ही कीमती शब्द है लेकिन इसका कब, कैसे इस्तेमाल करना है यह जानना बहुत ही आवश्यक है, पहला अगर आपसे कोई अपराध हो जाए तो तुरंत क्षमा मांगनी चाहिए, अगर आप क्षमा नहीं मांगेंगे तो इसमें आपकी ही हानि है क्योंकि क्षमा ना मांगने से मन के अंदर अहंकार जागता है। दूसरा अगर कोई अपराध करें और आपसे क्षमा ना मांगे तो उसे क्षमा मत करिए क्योंकि क्षमा अत्यंत अनमोल है और बिन मांगे किसी को क्षमा देना आवश्यक नहीं। तीसरा यदि कोई आपके साथ अपराध करें, अनुचित करें और बाद में क्षमा मांगे तो क्षमा कर दीजिए इससे आपके भीतर की करुणा जागेगी, प्रेम जागेगा और यह आपके के लिए शुभ ही है और चौथा अगर आप कोई अपराध कर दो तो क्षमा अवश्य मांगना इससे आपको लाभ ही होगा क्योंकि सामने वाले व्यक्ति आपको क्षमा करें या ना करें लेकिन आपके अंदर का अहंकार गिरता है और आपका मन अधिक निर्मल हो जाता है।

श्री कृष्ण कहते हैं जिसके साथ बात करने से ही खुशी दुगनी और दुख आधा हो जाता है बस वही अपना है बाकी सब दुनिया है।

दुनिया के चार स्थान जो कभी भरते नहीं समुद्र, इच्छा का घड़ा, शमशान और मनुष्य का मन।

बिना कुंडली मिलाएं जीवन भर चलने वाला एकमात्र संबंध मित्रता है।

अगर नियत साफ और मकसद सही है तो ईश्वर हमारी मदद जरूर करता है तथा हम जितना पूछते हैं उससे ज्यादा जवाब देता है और हमारे कहने से ज्यादा सुनता है।

अगर एक गुणहीन व्यक्ति गुणवानों की संगति में बैठता है तो उसे गुणवान समझ लिया जाता है और वह सम्मान का पात्र समझा जाता है लेकिन एक गुणवान व्यक्ति गुणहीन की संगति में बैठता है तो वह तिरस्कार का पात्र बनता है इसलिए अपनी संगति सोच समझकर करनी चाहिए।

अगर मेहनत करने के बाद सफलता नहीं मिलती तो रास्ते बदलिए सिद्धांत नहीं क्योंकि पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलता है जड़ नहीं।

जब इच्छा की पूर्ति हो जाती है तो वह लोभ को जन्म देती है लेकिन जब वह संतुष्ट नहीं होता तो क्रोध जन्म लेता है। काम, क्रोध और लोभ के जाल में फंसकर ही इंसान पाप कर्म करता है।

जो केवल अपना भला चाहता है वह दुर्योधन है, जो अपनों का भला चाहता है वह युधिष्ठिर है और जो सबका भला चाहता है वह श्री कृष्ण है।

दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं जिसके पास समस्या ना हो और ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान ना हो। इस दुनिया में दो ही नियम काम करते हैं या तो आप देकर जाओ या फिर छोड़ कर जाओ, साथ ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं है लेकिन फिर भी मनुष्य इसे समझता ही नहीं है।

उस प्रेम विश्वास मत करो जिसमें भगवान श्रीकृष्ण भी हार गए, उस मित्रता पर भरोसा करो जिसमें गरीब सुदामा भी जीत गए।

ईश्वर सभी को एक ही मिट्टी से बनाता है लेकिन फर्क इतना है कि कोई बाहर से खूबसूरत होता है तो कोई भीतर से।

समझ ज्ञान से अधिक गहरी होती है आप बहुत से लोगों को जानते होंगे लेकिन आपको कुछ ही लोग समझते होंगे।


दोस्तो आपकोआपको यह POST पसंद आई होगी;धन्यवाद!!

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