You are currently viewing भगवान राम ने तोड़ा हनुमान जी का घमंड, रामायण की एक प्रेरणादायक कहानी

भगवान राम ने तोड़ा हनुमान जी का घमंड, रामायण की एक प्रेरणादायक कहानी

जब हनुमान जी संजीवनी लेकर लौटते हैं तब हनुमान जी भगवान राम से कहते हैं, प्रभु आपने मुझे संजीवनी लेने नहीं भेजा। आपने तो मेरी मूर्छा को दूर करने के लिए भेजा था। आज मेरा यह भ्रम टूट गया कि मैं सबसे बड़ा राम भक्त हूं। वास्तव में भरत भैया संत हैं और उन्होंने राम नाम का जाप किया है।

हनुमान जी आगे कहते हैं जब भैया लक्ष्मण को शक्ति लगी तब मैं संजीवनी लेने गया था। जब मैं रास्ते में आ रहा था तब भरत भैया ने मुझे बाण मारा और मैं जमीन पर गिर गया। इसके बाद भरत भैया ने ना संजीवनी मंगाई, ना वैद्य बुलाया। उन्हें कितना भरोसा है प्रभु आपके के नाम पर। हनुमान जी आगे कहते हैं, प्रभु भैया भरत ने क्या कहा था जब मैं बाण लगने से मूर्छित हो गया। “भैया भरत कहते हैं, मूर्छा में भी राम नाम का जाप करने वाले महात्मा आप कौन हैं? कृपया आंखें खोलिए और आप जैसे राम भक्त पर जिसने बाण चलाया, ऐसे पापी को या तो दंड दीजिए या फिर क्षमा कीजिए। परंतु एक बार आंखें खोलिए।”

प्रभु, यह वचन सुनते ही मैं, श्री राम, जय राम जय जय राम कहता हुआ उठ बैठा। प्रभु मैं आपका नाम तो लेता हूं पर भरोसा भरत भैया जैसा नहीं करता। वरना मैं संजीवनी लेने ही क्यों जाता?

इसके बाद हनुमान जी कहते हैं प्रभु बाण लगते ही मैं पृथ्वी पर गिरा लेकिन पर्वत नहीं गिरा क्योंकि पर्वत तो आप उठाए हुए थे और मैं सोच रहा था कि पर्वत को मैंने उठा रखा है, मेरा यह अभिमान भी टूट गया। प्रभु आपके तरकस में ऐसा कोई बाण नहीं जैसा भरत भैया के पास है। आपने सुबाहू, मारीच को बाण से बहुत दूर गिरा दिया, आपका बाण तो आपसे दूर गिरा देता है परंतु भरत भैया का बाण, आपके चरणों में ला देता है। भगवान राम हनुमान जी की बातों को सुनकर मुस्कुरा कर बोले हनुमान, जब मैंने ताड़का का वध किया था तथा और भी राक्षसों का वध किया। वह सब मुक्त होकर मेरे पास ही आ गए हैं। इस बात को सुनकर हनुमान जी बोले प्रभु आपका बाण मारने के बाद, सबको आपके पास लाता है भैया भरत का बाण तो जिंदा ही आपके चरणों में ला देता है। भैया भरत तो महान आत्मा है। प्रभु आपने बनवास वन में रहकर बिताया लेकिन भैया भरत ने तो नंदीग्राम में कुटिया बनाकर बनवास काटा।

इस कहानी से हम यह सीख सकते हैं कि हम भगवान का नाम तो लेते हैं लेकिन भरोसा नहीं करते हैं। हम सोचते हैं बुढ़ापे में बेटा की सेवा करेगा, यदि बेटा नहीं तो क्या होगा? हम उस समय भूल जाते हैं कि जो भगवान रात को नींद में डाली पर बैठे हुए पक्षी को गिरने नहीं देता वह आपको कैसे बेसहारा नहीं छोड़ सकता है।

Leave a Reply